गर्मी आते ही फलों के राजा पके आम की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ने लगती है. ऐसे में किसान इसे जल्दी पकाने के लिए केमिकल्स का इस्तेमाल करते हैं.
केमिकल्स से पके हुए आम को खाने से सेहत बिगड़ने का जोखिम होता है. इसलिए इसे खरीदते समय मोल भाव के अलावा अच्छी तरह से चेक कर लेना चाहिए.
फलों को पकाने के लिए इस्तेमाल किए जाना वाला कैल्शियम कार्बाइड जिसे मसाला भी कहा जाता है, FSSAI रेगुलेशन के तहत प्रतिबंधित है.
आम केमिकल से पके हैं या नेचुरल तरीके से इसे जांचने के लिए एक बाल्टी पानी में इसे डाल दें. यदि आम आर्टिफिशियली पकाएं गए होंगे तो यह पानी पर तैरते नजर आएंगे.
आम शुद्ध है या नहीं इसका पता लगाने के लिए इसके छिलके का रंग देखें. नेचुरल रूप से पके आम के छिलके असमान रूप से पीले और नारंगी देखते हैं, जबकि केमिकल से पके आम पूरी तरह से पीले नजर आते हैं.
नेचुरल रूप से पके आम की खुशबू भी नेचुरल मीठी सी होती है. जबकि केमिकल से पके आम अजीब से स्मेल करते हैं.
आर्टिफिशियल तरीके से पकाए गए आम का स्वाद नेचुरल मीठा नहीं लगता है. इसमें एक तरह का फीकापन होता है.
नेचुरल तरीके से पके आम में आर्टिफिशियल तरीके से पके आम की तुलना में ज्यादा रस होता है. ऐसे में खरीदते वक्त आप आम को दबाकर इसमें रस की मात्रा का अंदाजा लगा सकते हैं.